राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय मालदेवता रायपुर देहरादून मैं राष्ट्रीय सेवा योजना के तत्वाधान में विश्व एड्स दिवस( 1 दिसंबर 2022) मनाया गया।

उक्त कार्यक्रम की अध्यक्षता महाविद्यालय की प्राचार्य प्रोफेसर वंदना शर्मा द्वारा किया गया ।जिसमें उन्होंने सभी को एड्स से बचाव के बारे में बताया क्योंकि इस लाइलाज बीमारी का इलाज बचाव एवं जागरूकता ही है उन्होंने कहा एंटीरेट्रोवायरल ड्रग्स या अन्य कोई भी दवाई /थेरेपी संक्रमित व्यक्ति को कुछ समय तक जीवित रख सकती है परंतु उस व्यक्ति को स्वस्थ्य नहीं कर सकती ।अतः विश्व को एड्स से बचाव के लिए , जागरूकता ही मूल मंत्र है।

इस अवसर पर राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम अधिकारी डॉ सुमन सिंह गुसाई ने छात्र छात्राओं एड्स दिवस के इतिहास के बारे में विस्तृत जानकारी दी इन्होंने महाविद्यालय स्तर पर होने वाले विभिन्न कार्यक्रमों में छात्र-छात्राओं की भागीदारी तथा जागरूकता हेतु कार्यक्रम में प्रतिभाग करने के लिए सभी अतिथियों एवं छात्र छात्राओं का का स्वागत एवं अभिवादन किया। इस कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में डॉ कविता काला एवं प्रोफेसर पूजा कुकरेती रहे ।

पिछले 10 सालों में भारत में 17 लाख से ज्यादा लोग असुरक्षित यौन संबंधों कारण एचआईवी की चपेट में आए हैं इसका मतलब शरीर में एचआईवी का संक्रमण फैल रहा है कई लोग एचआईवी और एड्स में एक ही बीमारी मानते हैं जबकि एचआईवी ह्यूमन इम्यूनो डिफिशिएंसी वायरस है जो इम्यून सिस्टम को कमजोर करता है जिससे शरीर बीमारियों से लड़ने की शक्ति कम हो जाती है जबकि एचआईवी संक्रमण का उन्नत चरण है। इस बीमारी को लेकर विश्व में कई मिथक हैं जैसे एड्स होने का मतलब है मौत। मच्छरों के काटने से एचआईवी का होना एचआईवी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से एड्स का होना इत्यादि।

इसलिए एड्स के प्रति जागरूकता और मिथक को लेकर सच्चाई हर व्यक्ति को पता होनी चाहिए तथा अन्य वक्ताओं में प्रोफेसर ज्योति खरे एवं डॉक्टर शशि बाला उनियाल द्वारा भी अपने विचारों को छात्र-छात्राओं के सम्मुख रखा ।

इस अवसर पर डॉ सुरेश कुमार डॉ अविनाश भट्ट डॉक्टर रश्मि नौटियाल डॉक्टर श्रुति चौकीआल डॉक्टर मनीषा डॉक्टर अंतरिक्षा नेगी डॉ रीना एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।