लारजी प्रोजेक्ट के पावर हाउस में ब्यास नदी का पानी घुसने से करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ है। पावर हाउस की टरबाइन व अन्य उपकरण पूरी तरह खराब हो गए हैं।

मनाली चंडीगढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग के किनारे थलौट में बने भूमिगत पावर हाउस में मुख्य प्रवेश द्वार से ब्यास का पानी अंदर घुसा है। पानी से पावर हाउस की चार भूमिगत मंजिल पूरी तरह जलमग्न हो गई है।

राज्य विद्युत परिषद के 126 मेगावाट क्षमता के लारजी प्रोजेक्ट के पावर हाउस में ब्यास नदी का पानी घुस गया है। इससे करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ है। पावर हाउस की टरबाइन व अन्य उपकरण पूरी तरह खराब हो गए हैं।

मनाली चंडीगढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग के किनारे थलौट में बने भूमिगत पावर हाउस में मुख्य प्रवेश द्वार से ब्यास का पानी अंदर घुसा है। पानी से पावर हाउस की चार भूमिगत मंजिल पूरी तरह जलमग्न हो गई है।

पावर हाउस में तैनात अधिकारियों व कर्मचारियों ने भाग कर अपनी जान बचाई। प्रोजेक्ट बिजली बोर्ड का सबसे बड़ा कमाई का जरिया था। इससे रोजाना एक करोड़ का राजस्व आता था।

पानी घुसने की आंशका को देखते हुए पावर हाउस के कर्मचारियों ने प्रवेश द्वार पर रेत से भरी बोरियां रख दिन भर प्रयास किए। लेकिन तांडव मचाने पर उतरी ब्यास के तेज वेग के आगे किसी की एक नहीं चली। ब्यास नदी में गाद बढ़ने पर प्रोजेकट प्रबंधन ने शनिवार रात 11 बजे बिजली उत्पाद रोक गेट बंद कर दिए थे।

 

water entering Larji Project Power House in Himachal pradesh