एनटीन्यूज़, हरिद्वार: अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की बैठक 25 अक्टूबर को होनी है। इस बैठक में परिषद अध्यक्ष श्रीमहंत नरेन्द्र गिरि की मौत के कारण रिक्त हुए पद पर किसी अन्य की नियुक्ति होनी है। बैठक में नए अध्यक्ष का ऐलान किया जा सकता है।
अध्यक्ष बनने के लिए संतों में खेमेबाजी का खेल शुरू हो चुका है। वहीं बैरागी संत कुंभ के दौरान अखाड़ा परिषद से अलग होने के बाद भी अपनी ताल ठोके हुए हैं। जबकि बैठक में बैरागी संतों को बुलाए जाने की संभावना कम ही दिखायी दे रही है। वहीं परिषद से जुड़े कई संत बैरागी संतों को बैठक में बुलाने के पक्ष में हैं। सूत्र बताते हैं कि यदि बैरागी संत बैठक में शामिल होते हैं तो कई संतों की बनायी गयी रणनीति फेल हो सकती है। इस कारण से वह बैरागी संतों को दूर रखने की रणनीति पर भी काम कर रहे हैं।
सूत्र बताते हैं कि अखाड़ा परिषद महामंत्री निरंजनी अखाड़े के श्रीमहंत रविन्द्र पुरी को अध्यक्ष बनाने की जुगत में हैं। वहीं बैरागी अपना अध्यक्ष चाहते हैं। यही कारण है कि बैरागी संतों को बैठक से दूर रखने की पूरी कोशिश की जा रही है। उधर महानिर्वाणी अखाड़े के श्रीमंहत रविन्द्र पुरी को कुछ संत अध्यक्ष बनता हुआ देखना चाहते हैं। ऐसे संतों का कहना है कि हाल ही के दिनों में निरंजनी अखाड़े की काफी छिछालेदार हुई है, इस कारण से अध्यक्ष किसी अन्य अखाड़े का ही बनना चाहिए।
यदि महानिर्वाणी अखाड़े के रविन्द्र पुरी को नाम अध्यक्ष पद के लिए आता है तो बैरागी एक बार को अपना दावा छोड़ सकते हैं और वह महामंत्री पद के लिए अपना दावा पेश कर सकते हैं। जिसके लिए कुछ संत तैयार नहीं है। स्थिति साफ है कि कोई भी अपना पद छोड़ने के लिए तैयार नहीं है। बहरहाल निरंजनी अखाड़े के श्रीमहंत रविन्द्रपुरी को अध्यक्ष बनाने के लिए कुछ संत भाग दौड़ में लगे हुए हैं। जबकि बैरागी अभी समय की नजाकत को भांपकर अगला कदम उठाने की रणनीति पर काम कर रहे हैं। अखाड़ा परिषद की वर्तमान राजनीति पर यदि दृष्टि डाले तो रविन्द्र पुरी ही परिषद के अध्यक्ष होंगे। चाहे वह महानिर्वाणी अखाड़े के रविन्द्रपुरी हों या फिर निरंजनी अखाड़े के रविन्द्रपुरी। दोनों में से एक का अध्यक्ष बनना लगभग तय है।