शहीद खेमचंद्र डौर्बी राजकीय महाविद्यालय बेतालघाट नैनीताल में कवि मंगलेश डबराल एवं कवि प्रदीप की पुण्यतिथि पर काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया।
गोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए प्रभारी प्राचार्य डॉ. ईप्सिता सिंह ने मंगलेश डबराल के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि वे समकालीन कवियों में जीवंत सरोकारो के कवि कहे जाते रहे हैं।
डॉ.दीपक ने कहा कि मंगलेश डबराल पहाड़ के रचनाधर्मिता के कवि हैं l जिनकी कविताओं में पहाड़ का पूरा जनजीवन का यथार्थ नजर आता है l साथ ही उन्होंने कवि प्रदीप का लिखा गीत “ए मेरे वतन के लोगो” का वाचन किया।
डॉ.गरिमा पाण्डेय ने कवि मंगलेश डबराल की कविता वर्णमाला का भाव समझाते हुए काव्य पाठ किया l
कार्यक्रम में डॉ.भुवन मठपाल ने कवि मंगलेश एवं कवि प्रदीप को याद करते हुए कहा मंगलेश डबराल नई कविता की विधा के प्रमुख हस्ताक्षरों में से एक माने जाते हैं l उनकी कविता में पहाड़ का एक-एक कोना परिलक्षित होता है l पहाड़ पर लालटेन एक उम्मीद जगाता है l उत्तराखंड आनंदोलन के दौरान लिख़ी गई उनकी कविताएं पहाड़ के वास्तविक चित्रण को उद्घाटित करती हैं l
आगे उन्होंने कहा भारत का स्वतंत्रता आनंदोलन एवं उसका इतिहास कवि प्रदीप के गीतों के ज़िक्र किए बिना एकदम अधूरा है l वे क़लम के प्रखर सिपाही थे l उनकी लेखनी ने अंग्रेजों के भीतर बैचेनी पैदा कर दी थी l
उनका लिखा गीत “चल अकेला चल अकेला” का पाठ कर छात्र-छात्राओं को जीवन में पूरे उत्साह के साथ अपने उद्देश्यों को प्राप्त करने का संदेश भी दिया।
इस अवसर पर छात्राओं में कु.लक्ष्मी भण्डारी, नीलम, मनीषा हाल्सी, नीलम जोशी, उर्मिला पपने, दीपा, राधा, प्रतिमा,भावना रिखाड़ी आदि ने दोनों कवियों के रचनाओं का काव्य पाठ किया ।
कार्यक्रम का संचालन करते हुए श्रीमती ममता पाण्डे ने हिंदी विभाग की ओर से प्राचार्य समेत सभी वक्ताओं का आभार व्यक्त करते हुए साहित्य एवं उसकी प्रांसगिकता पर प्रकाश डाला l कार्यक्रम प्रेमादेवी, मुकेश रावत, अनिलनाथ, ललित आदि कई छात्र-छात्राएं उपस्थित रहें l