श्रीदेव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय के पंडित ललित मोहन शर्मा परिसर, ऋषिकेश के भारतीय पारंपरिक ज्ञान उत्कृष्टता केंद्र और संकाय संवर्धन केंद्र द्वारा “भारतीय ज्ञान परम्परा का उन्नयन एवं सांस्कृतिक विरासत का संरक्षण” पर एक संकाय संवर्धन कार्यक्रम (एफडीपी) हाइब्रिड मोड में उद्घाटन मुख्य अतिथि श्री देव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय के कुलपति माननीय प्रो एन के जोशी द्वारा किया गया ।
उन्होंने अपने संबोधन में कहा भारतीय ज्ञान परंपरा की वर्तमान समय में बहुत आवश्यकता है भारतीय प्राचीन शास्त्रों में जो तकनीकी, खगोल विज्ञान, गणित और चिकित्सा आदि क्षेत्रों में शोध की अपार संभावना है भारतीय ज्ञान परंपरा अद्वितीय ज्ञान और प्रज्ञा का प्रतीक हैहै।
जिसमें ज्ञान और विज्ञान, लौकिक और पारलौकिक, कर्म और धर्म और त्याग का अद्भुत समन्वय है।
ऋग्वेद के समय से ही शिक्षा प्रणाली जीवन के नैतिक, भौतिक, आध्यात्मिक और बौद्धिक मूल्यों पर केंद्रित होकर विनम्रता, सत्यता, अनुशासन, आत्मनिर्भरता और सभी के लिए सम्मान जैसे मूल्यों पर जोर देती थी। वेदों में विद्या को मनुष्यता की श्रेष्ठता का आधार स्वीकार किया गया।
विज्ञान संकाय अध्यक्ष प्रो गुलशन कुमार ढींगरा ने देश के विभिन्न विश्वविद्यालय,महाविद्यालय से जुड़ेअतिथियों विषय विशेषज्ञों, शिक्षाविदों, शोधार्थियों का संकाय संवर्धन कार्यक्रम (एफडीपी) कार्यक्रम मेंस्वागत किया और सफलता की शुभकामनाएं दी।
भारतीय पारंपरिक ज्ञान उत्कृष्टता केंद्र की निदेशका प्रो कल्पना पंत ने संकाय संवर्धन कार्यक्रम (एफडीपी) कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य भारतीय ज्ञान परंपरा से संबंधित विषयों का गहन विमर्श करना तथा परंपरागत ज्ञान एवं आदर्शों को समाज में पुर्नस्थापित करने का सफल प्रयास करना है।
प्रकोष्ठ के उपनिदेशका प्रो पूनम पाठक द्वारा भारतीय ज्ञान परंपरा पर आधारित संकाय विकास कार्यक्रम की रूपरेखा राखी संकाय संवर्धन केंद्र की निदेशका प्रो अनीता तोमर ने संकाय संवर्धन केंद्र के उद्देश्य पर विस्तृत चर्चा करते हुए बताया केंद्र का कार्य लक्ष्य संकाय सदस्यों को शोध करने और सेमिनारों, सम्मेलनों और कार्यशालाओं में भाग लेने के पर्याप्त अवसर देकर संस्थान में शैक्षणिक और बौद्धिक वातावरण में सुधार करना है।
विषय विशेषज्ञ प्रो गोपाल प्रधानअंबेडकर यूनिवर्सिटी दिल्ली द्वारा राहुल सांकृत्यायन की निगाह में भारतीय दर्शन के बारे में संबोधित किया।
विषय विशेषज्ञप्रो कांडपाल ने भगवत गीता में निहित शाश्वत संदेश पर विस्तृत चर्चा की विषय विशेषज्ञ प्रो. विनोद मिश्रा, सेंट लोंगोवाल इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, भारतीय मंदिर और स्टेप वेल्स वास्तुकला: एक गणितीय और सांस्कृतिक प्रदर्शनी पर अपने विचार रखें ।
अंत में सभी अतिथियों, बुद्धिजीवी, विशेषज्ञों, शोधार्थियों, एवं कार्यक्रम से जुड़े सभी लोगों का प्रो अटल बिहारी त्रिपाठी द्वारा धन्यवाद किया गया