संजीव शर्मा,एनटीन्यूज़,हरिद्वारः जनपद हरिद्वार में रोशनाबाद जिला न्यायालय की एक महिला अधिवक्ता ने एक वरिष्ठ अधिवक्ता पर पांच साल तक मानसिक और शारीरिक शोषण का आरोप लगाया है। महिला अधिवक्ता का आरोप है कि अलग चेंबर लेने के बाद से आरोपित अधिवक्ता उन्हें परेशान कर रहा है। पीछा करने के साथ ही उसकी गाड़ी के सामने अपनी कार लगा देता है।

सिडकुल ऐसो लखपत सिंह बुटोला ने बताया कि जिला एवं सत्र न्यायालय में रोशनाबाद की एक महिला अधिवक्ता ने तहरीर देकर आरोप लगाया है कि अधिवक्ता वीरेंद्र प्रताप सिंह और उसकी जूनियर महिला अधिवक्ता द्वारा उसका मानसिक उत्पीड़न किया जा रहा है और उसके खिलाफ मोबाइल पर भद्दे-भद्दे मैसेज भेजे जा रहे हैं । सोशल मीडिया ग्रुप पर भी सार्वजनिक रूप से उनके द्वारा उसके संबंध मैं अपमानजनक टिप्पणी करते हुए उसकी छवि को खराब करने और बदनाम करने का प्रयास किया जा रहा है जिसको लेकर वह मानसिक रूप से बेहद परेशान है ।

पीड़िता आरोप है कि 5 साल से वह उनके यहां जूनियर अधिवक्ता के तौर पर कार्य कर रही थी तभी से वह उसका शारीरिक व मानसिक उत्पीड़न करता रहता था जिससे परेशान होकर उसने पिछले साल ही अपना अलग चेंबर बना लिया था। जिसके बाद वह लगातार उसको परेशान करते हुए उसका पीछा करता है और यह भी आरोप लगाया कि उसकी कार के आगे अपनी कार लगाकर उसकी कार में जबरदस्ती बैठने का प्रयास भी करता है।

पीड़ित महिला अधिवक्ता ने बताया कि अधिवक्ता वीरेंद्र प्रताप और उनकी जूनियर ने उसके बारे में अधिवक्ताओं के व्हाट्सएप ग्रुप में अपशब्द लिखे। इससे आहत होकर उन्होंने आत्महत्या करने की चेतावनी भी दी है। पीड़िता का कहना है कि यदि वह ऐसा कदम उठाती हैं तो इसके जिम्मेदार आरोपित अधिवक्ता और उनकी जूनियर होंगी। सिडकुल थानाध्यक्ष लखपत बुटोला ने बताया कि इस मामले में आरोपित अधिवक्ता वीरेंद्र प्रताप और उनकी जूनियर महिला अधिवक्ता कविता वैभव के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।