वीर शहीद केसरी चंद राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय डाकपत्थर देहरादून में आज प्राचार्य प्रोफेसर जी आर सेमवाल के दिशा निर्देशन में इतिहास विभाग विभागीय परिषद एवं राष्ट्रीय सेवा योजना के संयुक्त तत्वाधान में अजिम प्रेम जी फाउंडेशन के अंतर्गत गांधी जयंती साप्ताहिक कार्यक्रम की श्रृंखला में जीवन वृत्त से संबंधित बेहतरिन पोस्टर-प्रदर्शनी एवं व्याख्यान माला का आयोजन किया गया।

मीडिया प्रकोष्ठ प्रभारी डॉक्टर दीप्ति बगवाड़ी ने बताया कि आयोजन का संचालन इतिहास विभाग के सहायक आचार्य डॉ विजय बहुगुणा द्वारा किया गया।

व्याख्यान माला में प्रथम वक्ता के रूप में अजीम प्रेमजी फाउंडेशन की सदस्य श्रीमती मंजू रावत द्वारा गांधी जी के जीवन दर्शन को छात्र-छात्राओं को समझाते हुए बॉलीवुड की फिल्म मुन्ना भाई एमबीबीएस की छोटी सी क्लिपिंग के माध्यम से यह दिखाया कि किस प्रकार फिल्म में हीरो जनता की समस्याओं को गांधीगिरी यानी अहिंसा और सहनशक्ति के मार्ग पर चलकर सुलझा रहा है।

उसी प्रकार से युवा पीढ़ी को भी अहिंसा और सहनशक्ति के मार्ग को अपनाने की कोशिश करनी चाहिए।

द्वितीय वक्ता के रूप में राष्ट्रीय सेवा योजना के वरिष्ठ कार्यक्रम अधिकारी डॉ राकेश मोहन नौटियाल ने गांधी दर्शन को एन एस एस के साथ जोड़ते हुए बताया कि दोनों के मध्य में अंतरसंबंध है और वह संबंध स्वच्छता से जुड़ा है, जिस प्रकार गांधी जी ने स्वच्छता को अपनाने के लिए हमेशा प्रयास किया, इसी प्रकार राष्ट्रीय सेवा योजना भी स्वच्छता की अलख जगाने में विश्वास रखता है।

इसके बाद महाविद्यालय के वरिष्ठ प्राध्यापक संस्कृत विभाग के विभाग प्रभारी, प्रोफेसर आर एस गंगवार ने गांधी जी के दर्शन को समस्त छात्र-छात्राओं को याद दिलाते हुए, राष्ट्रीय आंदोलन में क्रांतिकारियों की भूमिका का विस्तार से वर्णन किया।

इतिहास विभाग के सहायक आचार्य डॉ अविनाश भट्ट ने छात्र-छात्राओं को बताया कि यदि वह गांधीजी के सिद्धांतों विशेषकर सत्य अहिंसा व स्वच्छता में से किसी एक को भी जीवन में उतार लेंगे,तो वह गांधीवाद के दर्शन एवं विचारों के साथ न्याय कर सकेंगे।

महाविद्यालय के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी श्री मनमोहन ने गांधी दर्शन के माध्यम से छात्र-छात्राओं में अनुशासन, सहनशक्ति व अपने कार्य के प्रति समर्पण बनाए रखने के लिए प्रेरित किया।

व्याख्यान माला के अंतिम चरण में प्राचार्य प्रोफेसर जी आर सेमवाल ने इतिहास विभाग एवं राष्ट्रीय सेवा योजना को इस प्रकार की श्रृंखला को चलाने के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया, साथ ही संदेश स्वरूप बताया कि गांधी जी विश्व आत्मा थे।

निसंदेह विभिन्न आंदोलनों को क्रांतिकारियों ने गति दी, परंतु गांधी जी के निर्णायक एवं अतुलनीय योगदान एवं भूमिका को कमतर नहीं आंका जा सकता। उनकी इन्हीं उपलब्धियां से इन्हें राष्ट्रपिता का दर्जा प्राप्त हुआ । भारत को स्वतंत्रता दिलाने में इनका योगदान अमिट एवं स्मरणीय है।

प्रदर्शनी एवं व्याख्यान माला में लगभग 50 छात्र छात्राओं ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।