•   हमारा भारत सांस्कृतिक आर्थिक महाशक्ति के रूप में तेजी से उभर रहा है… कुमार बोस 

 

भारत भूमि में बंगाल में जन्में तीन कायस्थ रत्न क्रमशः नेताजी सुभाष चंद्र बोस, क्रांतिकारी श्री खुदी राम बोस एवं भारतीय संगीत के कोहिनूर लायन आफ तबला पंडित कुमार बोस का नाम उल्लेखनीय है….

लाखों करोड़ों संगीत प्रेमियों को ही नहीं भारत रत्न पंडित रविशंकर, भारत रत्न लता मंगेशकर, पंडित गोपी कृष्ण, पद्मविभूषण उस्ताद विलायत खां, पंडित बिरजू महाराज, पंडित जसराज पंडित शिव कुमार शर्मा,पंडित हरिप्रसाद चौरसिया, विदुषी गिरिजा देवी, उस्ताद अमजद अली, पंडित राजन साजन मिश्र, पंडित विश्व मोहन भट्ट रोनू मजूमदार सहित सभी गायकों वादको को पंडित कुमार बोस का तबला दाएँ और बांए का सामन्जय प्रचलित अप्रचलित तालो में सोच समझ की संगत बहुत पसंद है। अपने गुरू पद्मविभूषण पंडित किशन महाराज की तरह धमार, अन्य वक्र तालो में तबला वादन करने में उन्हें महारत हासिल है।

गायन वादन नृत्य तीनों ही विधाओं में वे बहुत सुंदर संगत करते हैं

वाराणासी घराने का तबला मृदंग के धीर गम्भीर बोलो के साथ भक्ति रस, वीर रस से परिपूर्ण है जब कुमार बोस तबला वादन करते हैं तो वाराणसी घराने के पंडित शुभ महाराज जैसे युवा पीढ़ी के तबला वादक पंडित कुमार बोस में बबर शेर की छबि महसूस करते हैं।

” कुमार दा की रोबदार आवाज और अंदाज बनारसी।

संकट मोचन विश्वनाथ की सेवा में बजाते बाज बनारसी।।,,

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काशी विश्वनाथ और संकट मोचन हनुमानजी की छत्र छाया में पुष्पित पल्लवित बनारस घराने के प्रवर्तक पंडित राम सहाय, भैरव सहाय बल्दैव सहाय, बिक्कु महाराज, बीरू मिश्र,

पंडित कंठे महाराज, गामा महाराज,

दरगाही मिश्र,

पंडित अनोखे लाल,

पंडित किशन महाराज, पंडित सामता प्रसाद गुदई महाराज, पंडित शारदा सहाय आदि अब इस संसार में नहीं है किंतु वे अपनी दमदार पीढ़ी छोड़ गए उसी परम्परा के पद्मविभूषण पंडित किशन महाराज जी के वरिष्ठ प्रतिनिधि पंडित कुमार बोस ने देश दुनिया में बनारस घराने के तबला को बहुत ऊंचाइयों पर

पहुंचाने का कार्य कर रहे हैं।

 

70 प्लस के होने के बावजूद उस्ताद जाकिर हुसैन, पंडित स्वपन चौधरी ,

पंडित कुमार बोस के स्वतंत्र तबला वादन के सर्वाधिक कार्यक्रम देश विदेश में होतें है।

उल्लेखनीय है कि बंगाल के एक मात्र कलाकार पंडित कुमार बोस को भारत रत्न स्वर कोकिला लता मंगेशकर जी ने अपने हाथों सेअपने पिताजी की स्मृति में सर्वोच्च पंडित दीनानाथ मंगेशकर अवार्ड से सम्मानित किया, भारत के राष्ट्रपति डॉ 0 एपीजे अब्दुल कलाम ने उन्हें केन्द्रीय संगीत नाटक अकादमी सम्मान से विभूषित किया इसके अलावा उन्हें कई प्रतिष्ठित राष्ट्रीय अंतराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

देश विदेश में भारतीय संगीत कला संस्कृति और भारत का गौरव बढाने वाले पंडित कुमार बोस पद्म पुरस्कार एवं अन्य सरकारी सम्मानों से विभूषित होने वाले गुणीजनों की श्रृंखला में पहले पायदान पर खड़े दिखाई देते हैं।

हम जैसे लाखों संगीत प्रेमियों को उम्मीद है भारत सरकार जिस तरह से चुन चुन कर प्रतिभाओं को खोजकर पद्म पुरस्कारों विभूषित कर रही है इसी क्रम भारत सरकार उन्हें सर्वोच्च पद्म पुरस्कार से सम्मानित करेगी।

पूछने पर वे कहते हैं कि संकट मोचन हनुमानजी एवं काशी विश्वनाथ की कृपा से देश में इन दिनों पुरस्कार चयन प्रक्रिया सही हाथों में है।खोज खोज कर टेलेंट को पद्म पुरस्कार से सम्मानित किया जा रहा है….

वर्तमान भारत सरकार से उम्मीद करते हैं कि कठोर तपस्या रत अत्यन्त प्रतिभा शाली तबला के कलाकारों को तीस चालीस वर्ष में पद्म श्री, पचास से साठ साल में पद्मभूषण एवं 70 वर्ष में पद्मविभूषण भारत रत्न देना प्रशंसनीय अनुकरणीय कदम होगा ।

तबला वाद्य में अभी तक तबला वादक पूज्य पंडित किशन महाराज जी को प्रथम पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था लम्बे समय बाद वर्ष 2023 में मेरे आत्मीय मित्र उस्ताद जाकिर हुसैन को पद्मविभूषण से सम्मानित किया गया यह सही निर्णय है पद्मविभूषण सम्मान अभी तक दो ही तबला वादको को दिया गया यह संख्या बढ़नी चाहिए।

उठो सुनो प्राची से उगते सूरज की आवाज ।

अपना देश बनेगा सारी दुनिया का सरताज ।।

पंडित कुमार बोस राष्ट्रीय विचार धारा के प्रसिद्ध कलाकारों में से एक हैं।

 

उनका विश्वास है कि इन दिनों भारत आर्थिक व सांस्कृतिक महा शक्ति व जगतगुरु के रूप में तेजी से उभर रहा है।

ऐसे संगीत भक्त, राष्ट्र भक्त महान कलाकारो को पद्मभूषण पद्मविभूषण सम्मान से विभूषित किया जाता है तो संगीत जगत गौरवान्वित होगा कई वर्षों तक भारत रत्न पंडित रविशंकर एवं पंडित कुमार बोस ने एक साथ अनगिनत राष्ट्रीय अन्तरराष्ट्रीय संगीत मंचों पर अपनी कला का लौहा एक साथ जुगलबन्दी कर मनवाया।

फैसबुक यूट्यूब चैनल आदि पर पंडित कुमार बोस के सोलो और संगत के कई वीडियो उपलब्ध हैं जिन्हें सुनकर संगीत जगत लाभान्वित और आनंदित हो रहा है।

कुमार बोस पर डाक्यूमेंट्री बनी जिसमें पंडित रविशंकर पंडित किशन महाराज पंडित शिव कुमार शर्मा पंडित बिरजू महाराज उस्ताद अमजद अली, उस्ताद जाकिर हुसैन, पंडित राजन साजन मिश्र पंडित विश्व मोहन भट्ट जैसे कई दिग्गज कलाकारों के उनकी कला को सराहा है , कई राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय टीवी चैनल पर उनके साक्षात्कार एवं संगीत के राष्ट्रीय कार्यक्रमों में प्रसारण होता है।

 

मुझे इस अवसर पर एक प्रसंग याद आ रहा है। पंडित रविशंकर एवं कुमार बोस को मैनें 1986 जब पहली बार भारत भवन भोपाल में एक साथ सुना तो मंत्र मुग्ध हो गया पंडित रविशंकर जी के सुरीली और तैयार सितार पर पंडित कुमार बोस जी संगत कर रहे थे तबले की हर उठान, टुकड़े, तिहाई पर पूरा भारत भवन आडोटोरियम तालियों से गूंज रहा था। पंडित रविशंकर जी भी कुमार बोस की संगत से आनंदित हो रहे थे।

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बनारस घराने के तबला सम्राट पद्मविभूषण पंडित किशन महाराज जी के प्रमुख वरिष्ठ शिष्य पंडित कुमार बोस 70 +वर्ष की आयु में भी संगीत प्रेमियों की पहली पसंद हैं दमदार शानदार स्वतंत्र तबला वादन के लिए उन्हें देश विदेश में अनगिनत समारोह में आमंत्रित किया जाता है।

इतने रत्न दिए हैं कैसे जिससे देश महान है ।

भारत की परिवार व्यवस्था ही रत्नों की खान है।।

लेखक:

देवेन्द्र कुमार सक्सेना, तबला वादक , संस्कृति सेवी संगीत विभाग राजकीय कला कन्या महाविद्यालय कोटा