शैक्षणिक सत्र 2023-24 से केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) कर सकता है पाठ्यक्रम में कटौती।

राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) से पढ़ाई करवाने वाले 22 राज्यों में शैक्षणिक सत्र 2023-24 के लिए नौवीं से 12वीं के पाठ्यक्रम में विभिन्न विषयों से कई महत्वपूर्ण टॉपिक्स घटाए जा सकते हैं।

इसमें इतिहास, भूगोल, अंग्रेजी और हिंदी सहित कई अन्य विषय रहेंगे, जिनमें कई महत्वपूर्ण पाठ व पाठ के अंदर के टापिक्स हटाए जा सकते हैं।

सीबीएसई से जुड़े सूत्रों ने बताया कि एनसीईआरटी और सीबीएसई बोर्ड के विशेषज्ञों की एक कमेटी ने नौवीं से 12वीं के छात्रों के पाठ्यक्रम में कटौती का खाका तैयार किया है।

कमेटी ने विभिन्न स्कूल प्रबंधन, अभिभावकों, राज्यों, शिक्षाविद और शिक्षकों के सुझावों को भी शामिल किया है।

सूत्रों के मुताबिक, जो टॉपिक हटाए जाएंगे उनमें मुख्यतः वो टॉपिक होंगे जो या तो दोहराए गए है या जिसे अन्य अध्यायों के तहत कवर किया जा सकता है। वहीं, बोर्ड घटे हुए पाठ्यक्रम की जानकारी इस सप्ताह जारी कर सकता है।

बोर्ड का ये फैसला 50 लाख से अधिक छात्रों के लिए महत्वपूर्ण होगा। इस घटे हुए पाठ्यक्रम का उन्हें फायदा मिलेगा और उन्हें वर्ष भर पढ़ाई के लिए पर्याप्त समय मिल सकेगा।

वहीं, शिक्षाविदों के मुताबिक बोर्ड की पाठ्यक्रम घटाने और जोड़ने की प्रक्रिया एक नियमित प्रक्रिया है। जो बोर्ड प्रति वर्ष करता है। उनके मुताबिक बोर्ड छात्रों के हितों को ध्यान में रखकर ऐसा करता है।

पाठ्यक्रम घटाने का असर छात्रों के सीखने के स्तर पर नहीं पड़ेगा। सूत्रों के मुताबिक बोर्ड छात्रों का वर्ष भर मूल्यांकन और मुख्य परीक्षा भी घटे हुए पाठ्यक्रम के आधार पर ही आयोजित करेगा।

उल्लेखनीय है कि बीते वर्ष भी बोर्ड ने कई महत्वपूर्ण पाठ घटाए थे। इसमें 11वीं और 12वीं के राजनीति विज्ञान पाठ्यक्रम से गुटनिरपेक्ष आंदोलन, शीत युद्ध के युग, अफ्रीकी-एशियाई क्षेत्रों में इस्लामी साम्राज्यों के उदय, मुगल दरबारों का इतिहास और औद्योगिक क्रांति के अध्याय शामिल थे। वहीं, 10वीं के सामाजिक विज्ञान के पाठ्यक्रम से खाद्य सुरक्षा पर एक अध्याय से कृषि पर वैश्वीकरण के प्रभाव व अन्य विषयों को हटा दिया गया था।