नवल टाइम्स न्यूज़: आज दिनाँक 1 दिसंबर 2023 को राजकीय महाविद्यालय नैनबाग टिहरी गढ़वाल में नैक मूल्यांकन व राष्ट्रीय शिक्षा नीति के परिप्रेक्ष्य में उच्च शिक्षा में गुणवत्ता विषयक राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया।

संगोष्ठी का उद्घाटन मुख्य अतिथि उच्च शिक्षा निदेशक प्रो0 सी0 डी0 सूंठा ने दीप प्रज्वलित कर किया। उच्च शिक्षा निदेशक, प्रोफेसर सीडी सुंठा, निदेशक, उच्च शिक्षा उत्तराखंड ने अपने संबोधन में उच्च शिक्षा संस्थानों में और बेहतर कार्य करने की जरूरत को रेखांकित किया।

उन्होंने महाविद्यालयों में लीडरशिप की बात करते हुए कहा कि कोई भी संस्था बिना बेहतर लीडरशिप के अच्छा परिणाम नहीं दे सकती है उन्होंने आंतरिक एवं बाह्य दोनों स्तरों पर शिक्षण संस्थानों को बेहतर प्रदर्शन करने का सुझाव दिया।

उन्होंने अपने सम्बोधन में कहा कि कॉलेज स्तर पर IQAC एक द्वितीय स्तर का लीडरशिप पेश कर सकता है, जिससे उच्च शिक्षा की गुणवत्ता में वृद्धि होगी।

इस राष्ट्रीय संगोष्ठी के संयोजक एवं राजकीय महाविद्यालय की प्राचार्य प्रोफेसर सुमिता श्रीवास्तव ने उपस्थित सभी अतिथियों, आमंत्रित वक्ताओं व प्रतिभागियों का स्वागत किया तथा सभी अतिथियों को उपहार स्वरूप पौधा व स्मृति चिन्ह भेंट किया।

उन्होंने अपने उद्बोधन में कहा कि इस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से उच्च शिक्षा के क्षेत्र में हो रहे बदलावों से संबंधित विचारों का आदान-प्रदान होगा जिससे सभी हितधारक लाभान्वित होंगे।

उद्घाटन सत्र के विशिष्ट अतिथि श्री कुंदन सिंह पवार निदेशक नारायणी पौधशाला अपने संबोधन में कहा कि यह क्षेत्र के लिए सम्मान की बात है कि इस संगोष्ठी में विभिन्न प्रदेशों के शिक्षाविद जुड़े हैं। हर तरह की सुविधा का आश्वासन देते हुए उन्होंने महाविद्यालय को सफल आयोजन हेतु शुभकामनाएं दीं।

प्रथम तकनीकी सत्र के अध्यक्ष के रूप में उपस्थित प्रोफेसर प्रभात द्विवेदी प्राचार्य राजकीय महाविद्यालय चिन्यालीसौड़ ने अपने उद्बोधन में बताया कि उच्च शिक्षा के क्षेत्र में बहुत कुछ हो रहा है, लेकिन गुणवत्ता चिंता का विषय है।

उन्होंने आगे कहा कि उच्च शिक्षा की गुणवत्ता में वृद्धि के लिए सभी हितधारकों को प्रयास करना होगा, तभी हम एक वैश्विक स्तर की उच्च शिक्षा प्रदान करने में सक्षम होंगे।

उन्होंने कहा की संख्या के मामले में हम पूरे विश्व में अमेरिका और चीन के बाद तीसरे नंबर पर हैं, लेकिन गुणवत्ता के मामले में काफी पीछे हैं।

विशेषज्ञ वक्ता के रूप में उपस्थित प्रोफेसर एनoपीo महेश्वरी, भूतपूर्व निदेशक, उच्च शिक्षा उत्तराखण्ड ने उच्च शिक्षा की गुणवत्ता में वृद्धि के लिए बनाए गए संस्था नैक (NAAC) के संबंध में जानकारी दी उन्होंने कहा कि नैक के माध्यम से उच्च शिक्षा संस्थानों की गुणवत्ता में काफी सुधार किया जा रहा है, क्योंकि नैक शिक्षण संस्थानों में छात्रों के समग्र विकास, शिक्षा की गुणवत्ता, कौशल विकास एवं महाविद्यालय में शैक्षणिक माहौल आदि के संबंध में हो रहे कार्यों की समीक्षा करता है तथा उन्हें तदनुसार ग्रेड देता है।

डॉo वैभव शुक्ला, प्राचार्य राजकीय महाविद्यालय पांवटा साहिब सिरमौर हिमाचल प्रदेश ने विशेषज्ञ वक्ता के रूप में हिमाचल प्रदेश में हो रहे नैक प्रत्यायन एवं नई शिक्षा नीति की वर्तमान स्थिति के सम्बन्ध में विस्तार से जानकारी दी।

राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय पुरोला उत्तरकाशी के प्राचार्य प्रोफेसर ए.के. तिवारी ने अपने महाविद्यालय में हाल ही में हुए नैक प्रत्यायन से सम्बन्धित विस्तार से अनुभव को साझा किया।

उन्होंने बताया कि किस प्रकार से नैक टीम महाविद्यालय में भौतिक सुविधाओं को जांचती है, तथा साल दर साल महाविद्यालय द्वारा किए जा रहे जा रहे कार्यों को नैक द्वारा DVV प्रक्रिया से सत्यापित किया जाता है ।

दूसरे तकनीकी सत्र की अध्यक्षता कर रहीं राजकीय महाविद्यालय कमांद की प्राचार्य प्रोफेसर गौरी सेवक ने अपने सम्बोधन में महाविद्यालय में हो रहे नैक एवं हाल ही में लागू हुई नई शिक्षा नीति के संबंध में चर्चा की।

उन्होंने बताया की नई शिक्षा नीति लागू होने से शिक्षण संस्थानों में पठन-पाठन का प्रारूप बदला है जो नवीन तकनीक एवं वैश्विक प्रतिस्पर्धा को ध्यान में रखते हुए प्रासंगिक है।

प्रोफेसर शरद कुमार वैश्य, राजकीय महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय, अलीगंज, लखनऊ ने विशेषज्ञ वक्ता के रूप में उच्च शिक्षा में कौशल विकास एवं नई शिक्षा नीति के संबंध में अपने विचार रखे।

उन्होंने बताया कि वर्तमान में छात्रों को ऐसी शिक्षा की जरूरत है जो उनके कौशल को बढ़ाने में सहायक हो, जिससे छात्र अपने जीवन में ज्ञान के साथ-साथ आजीविका को भी सुनिश्चित कर सकें।

आमंत्रित वक्ता के रूप में उपस्थित डॉक्टर प्रवीण जोशी, सहायक प्रोफेसर, राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय कोटद्वार ने नैक प्रक्रिया में आंकड़ों के संग्रह एवं उनके प्रस्तुतीकरण के संबंध में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने अपने महाविद्यालय में हाल ही में हुए नैक के संबंध में अपने अनुभव साझा किये।

समापन समारोह के मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित प्रोफेसर डीoसीo गोस्वामी, अध्यक्ष, कला संकाय, श्री देव सुमन विश्वविद्यालय उत्तराखण्ड, ने संगोष्ठी को सम्बोधित करते हुए कहा कि इस संगोष्ठी का विषय बहुत प्रासंगिक है व इससे जुड़े लोगों को काफी महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त हुई है।

कैम्पस ने समापन समारोह के विशेष अतिथि के रूप में सम्मेलन में उपस्थित सभी सदस्यों को सम्बोधित करते हुए उन्हें एक बेहतर प्रस्तुतीकरण के लिए बधाई दी तथा उन्होंने कहा कि इस प्रकार के सम्मेलन से शिक्षाविदों को एक दूसरे से अपने विचारों को साझा करने का अवसर प्राप्त होता है।

इस राष्ट्रीय सम्मेलन के आयोजक सचिव एवं IQAC के समन्वयक श्री परमानंद चौहान ने सभी आगंतुकों को धन्यवाद दिया तथा उनके द्वारा सम्मेलन में दिए गए जानकारी को अन्य दूसरे लोगों तक भी पहुंचने की आशा व्यक्त की।

कार्यक्रम में प्रो0 मुक्तिनाथ यादव, श्री देव सुमन उत्तराखंड विवि के हिन्दी विभागाध्यक्ष , नैनबाग महाविद्यालय के सहायक प्राध्यापक डॉo मंजू कोगियाल, डॉo बृश कुमार डॉo संदीप कुमार, डॉo दिनेश चंद्र ,डॉo मधु बाला जुवांठ, डॉo चतर सिंह तथा कार्यालय से वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी श्रीमती रेशमा बिष्ट, सहायक पुस्तकालय अध्यक्ष श्री विनोद कुमार, श्री सुशील चंद्र कुकरेती ,श्री दिनेश पँवार श्री भुवन चंद, श्री अनिल सिंह श्री ,रोशन सिंह रावत, श्री मोहनलाल, श्रीमती रीना एवं बहुतायत संख्या में अनेक स्थान से आए हुए छात्र-छात्राएं, शिक्षक, शिक्षाविद, शोध छात्र आदि उपस्थित रहे।